चिलचिलाती धूप और बदन को झुलसा देने वाली गर्मी में सिर्फ जल ही एक मात्र सहारा

मनकापुर गोंडा

लोगों के प्यास बुझाने के पुनीत कार्य में लगें है समाजसेवी

वैसे ही यह कहावत नहीं कहा जाता की जल ही जीवन है वैसे तो सामान्य मौसम में भी जल का अपना अलग महत्व है बिना इसके जीवन का अस्तित्व में रह पाना संभव नहीं है लेकिन जब गर्मी प्रचंड हो तापमान 40 वाले डिग्री के ऊपर हो जाए तब आदमी किस प्रकार इस भीषण गर्मी में इधर-उधर टहलकर जीवन यापन करता है यह तो सिर्फ वही जानता है इतनी गर्मी पड़ रही है कि सिर्फ एयर कंडीशन से ही काम चल सकता है बाकी पंखे और कूलर सिर्फ काम चलाने वाले उपकरण बनकर गए हैं आदमी रात दिन जीवन चलाने के लिए रोजी-रोटी के लिए धूप में भी मजबूर होकर परिश्रम करता है ना चाह कर भी उसे धूप में निकालना पड़ता है और रोजी-रोटी के लिए प्रयास करना ही पड़ता है ऐसे में वह कहीं ऐसे स्थान पर पड़ जाता है जहां जल की व्यवस्था नहीं होती तो पानी का महत्व इस समय समझ आता है जैसे जल विहीन मरुस्थल में जब कहीं प्यार बुझाने की आस नहीं होती जीवन संकट में होता है अगर उसे समय दो घूंट ही पानी मिल जाए तो जीवन के लिए वह हमारे लिए अमृत समान हो जाता है इस समय पूरे देश में सूर्य की तपन से गर्मी खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है जहां पर मानव जीवन के लिए संकट भी हो सकता है असहनीय गर्मी मैं कामकाजी आदमी को सबसे अधिक परेशानी होती है क्योंकि उसे तो परिवार चलाने के लिए काम करना ही है और धूप से बचकर अपना जीवन भी बचाना है ऐसे में आवश्यक है की दिन भर में कम से कम 10 लीटर पानी प्यास बुझाने के लिए उसे मिलना चाहिए लेकिन समस्या उस समय आती है जब उस गरीब आदमी की जेब में पैसा भी नहीं होता और उसे बड़े जोर की प्यास लगी होती है गर्म पानी से प्यास नहीं बुझती नहीं है और ठंड पानी उसे मिलता नहीं है ऐसे में तमाम समाज सेवायों की जिम्मेदारी हो जाती है कि अपने पास से थोड़ी बहुत पूंजी लगाकर हो सके तो मानवता के हित में स्वच्छ एवं ठंडा पानी राहगीरों को पिलाकर मानवीय कार्य किया जाए इस जिम्मेदारी को बखूबी समझ रहे हैं मनकापुर के समाज सेवी आर.के. नारद जो बहुत बड़े आदमी तो नहीं है लेकिन अपने छोटे-मोटे व्यवसाय में से कुछ पैसा बचा कर हमेशा कुछ ना कुछ समाज सेवा का काम करते रहते हैं आज भी जब उन्होंने देखा की सूर्य भगवान सब कुछ जला देने पर आमादा हैं तब उन्होंने यह सोचा कि क्यों ना हम जरूरतमंदों के प्यास बुझाने का एक माध्यम बन जाएं इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर उन्होंने आज मनकापुर रेलवे स्टेशन के पास स्थित अपनी छोटी सी दुकान के सामने आम जनता के पास को बुझाने का पुनीत काम किया है
जहां एक तरफ सूरज आग उगल रहा है आदमी गर्मी से बेहाल है कितने लोग गर्मी की वजह से अपनी जान गवां चुके हैं मानस मंगल दल सेवा समिति के संस्थापक आर के नारद ने भयंकर गर्मी में लोगों की प्यास बुझाने के लिए चौराहों पर सुराही में पानी एवं मिष्ठान रखकर लोगों की प्यास बुझाने का काम शुरू किया है विगत एक सप्ताह से रेलवे स्टेशन चौराहे पर आने जाने वाले सैकड़ो यात्री राहगीर और अन्य लोग सुराही का पानी पीकर अपना प्यास बुझा रहे हैं यह पुनीत का प्रतिदिन किया जा रहा है जिसमें आमजन का भी सहयोग मिल रहा है बाल सामाजिक कार्यकर्ता संघ मनकापुर के द्वारा पेड़ की शाखों पर पत्र बांधकर पंछियों के लिए एवं जगह-जगह पात्र में पानी भरकर जानवरों की प्यास बुझाई जा रही है आरके नारद ने बताया कि यह पुनीत कर हर व्यक्ति को करना चाहिए जिससे इस भयंकर तपन में लोगों की प्यास बुझाई जा सके।

ब्यूरो रिपोर्ट S9_Bharat

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