ऐतिहासिक पल का साक्षी बना तदर्थ शिक्षकों का याचना कार्यक्रम

Ad-hoc Teacher’s की आवाज को सरकार और शासन तक पहुंचाने में कामयाब रहा याचना कार्यक्रम।

उत्तर प्रदेश-लखनऊ

आज याचना कार्यक्रम का 53 वां दिन है आज हमारे सभी भारतीय जनता पार्टी के शिक्षक एमएलसी और स्नातक एमएलसी गणों के आश्वासन के बाद कि हम सभी का सम्मानजनक सेवा सुरक्षा और और अवरुद्ध वेतन दिलाए जाने के आश्वासन के बाद याचना कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक राजमणि सिंह ने पूरा भरोसा और विश्वास जताते हुए कहा कि हमें अपने प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी महाराज पर पूरा भरोसा है कि हम सभी तदर्थ शिक्षकों पर महाराज जी का आशीर्वाद बना रहेगा और हम सब की जीविका सुरक्षित भी रहेगी और सम्मानजनक जीवन यापन जिस प्रकार से हम सभी का चल रहा था महाराज जी के आशीर्वाद से चलता रहेगा अपने विधायक गण और शिक्षा विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों से हम सभी के लिए विनती और प्रार्थना की है कि हमारे तदर्थ शिक्षकों की जीविका को सुरक्षित करने और सम्मानजनक सेवा सुरक्षा प्रदान करने की कृपा करें जिससे हम सभी अपने बुजुर्ग मां-बाप की दवाइयां बच्चों की पढ़ाई और परिवार की परवरिश कर सकें

यह तो रहे कार्यक्रम के संयोजक राजमणि सिंह के शब्द जिसे पढ़कर समझ सकते हैं कि किस प्रकार उनके मन में शिक्षकों की मांगी पूर्ण रुपेण पूरी न होने की दुविधा है शिक्षक संगठन और शिक्षक बंधुओं को हताश और निराश होने की जरूरत नहीं है शिक्षक समाज का पथ प्रदर्शक है और ऐतिहासिक एवं राजनैतिक विषयों को जानने की समझ रखता है आप यहां समझ लें कि देश को आजाद कराने के लिए अपने मन में विशेष मनसा को लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को चलाया लेकिन यह आंदोलन के बीच में कुछ समस्याएं आ जाने से अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सका लेकिन गांधी जी निराश नहीं हुए एवं कुछ दिनों बाद सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ हुआ और इस विश्वास के साथ आंदोलन शुरू हुआ कि इस बार हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे लेकिन इस बार भी आंदोलन पूर्ण लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाया लेकिन उसने सफलता के द्वार अवश्य खोल दिए और एक निश्चित अंतराल के बाद जब गांधी जी ने भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ किया तो इस बार लगने लगा था कि निश्चित रूप से भारत अंग्रेजो के खिलाफ अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा लेकिन यह आंदोलन भी को पूर्ण रूप अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाया अब आप जान लें कि इन तीनों आंदोलनों से हम भले ही तात्कालिक सफलता नहीं प्राप्त कर पाए हों लेकिन इन आंदोलनों ने भारत को आजादी प्राप्त करने के नजदीक पहुंचा दिया और अंततोगत्वा अपना देश उन सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल रहा जिसे लेकर गांधी जी ने आंदोलन को प्रारंभ किया
इसी तरह शिक्षक इतिहास में 53 दिनों तक सबसे लंबा चलने वाला याचना कार्यक्रम भले ही तात्कालिक रूप से पूर्णरूपेण अपने शिक्षकों को सफलता एवं लाभ दिलाने में कामयाब ना रहा हो लेकिन आने वाले दिनों में इसने शिक्षकों की कामयाबी का द्वार खोल दिया है और सभी शिक्षक उन सभी परिलब्धियों को
प्राप्त करने में सफल होंगे जिसे वे अपने मन में पालकर बैठे हैं।

एस.के.सिंह- मुख्य संपादक S9-BHARAT

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