पिछले वर्ष सांसद कैसरगंज बृजभूषण शरण सिंह ने मीडिया से बाढ़ को लेकर जाहिर की थी अपनी चिंता
बरसात के महीने में घाघरा और सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से
नदी के आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों और उनके मवेशियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है यह एक बस की बात नहीं है प्रत्येक वर्ष ऐसे ही देखने को मिलती है पिछले वर्ष तो बरसात के अंत में कर्नल दोनों तरफ बन तहसील के सैकड़ों गांव बाढ़ के आगोश में आ गए थे जिससे लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हाहाकार मच गया था कैसरगंज सांसदों से मीडिया के सामने बाढ़ को लेकर अपनी चिंता और कहा था कि गर्मी के महीने में बाढ़ नियंत्रण को लेकर कोई रूपरेखा तैयार की जाती है जब सिर्फ आता है तब आनंदपाल में तैयारी की जाती है किस बात को प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया और अधिकारियों को दिया कोई परेशानी होती है कड़ी कार्रवाई की जाएगी इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए सोमवार को जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने एल्गिन चरसड़ी बंधा का औचक निरीक्षण किये। निरीक्षण के दौरान बंधा के समीप सभी गांव की बाढ़ के संबंध में जानकारी ली गई, तथा लोगों से समस्याओं के बारे में जानकारी करते हुए वहां पर उपस्थित संबंधित क्षेत्र के लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तथा उप जिलाधिकारी हीरालाल को निर्देश देते हुए कहा कि बंधा के किनारे बसे हुए गांव के लोगों को बाढ़ के समय कोई समस्या ना होने पाये। साथ ही गांव के लोगों को बिजली व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था आदि सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ के समय गांव वासियों का कोई नुकसान न होने पाए इस पर विशेष ध्यान रखे जाये इसके साथ ही डीएम ने बाढ़ चौकी गौरासिंहनापुर में बैठक कर वहां डियूटी पर तैनात सभी विभाग के कर्मचारियों से जानकारी ली। और कहा कि बाढ़ से पहले यहां के सारी तैयारियां पूर्ण कर लें।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी सुरेश कुमार सोनी, उप जिलाधिकारी करनैलगंज हीरालाल, एसएचओ करनैलगंज, एई बाढ़ खण्ड, खण्डविकास अधिकारी करनैलगंज, सहायक विकास अधिकारी पंचायत करनैलगंज, संबंधित गांव के लेखपाल, राजस्व निरीक्षक एवं ग्राम प्रधान सहित ग्रामवासी उपस्थित रहे।
एस.के.सिंह- मुख्य संपादक S9-BHARAT