लखनऊ । उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 255 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया, “इस संबंध में राज्य में 255 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें फिरोजाबाद 13, अंबेडकर नगर 28, मुरादाबाद 27, सहारनपुर 64, प्रयागराज 68, हाथरस 50, अलीगढ़ 3, जालौन 2, शामिल हैं।”
इस बीच, कानपुर और सहारनपुर में उपद्रवियों के भवनों पर बुलडोजर चला। कानपुर केडीए उपाध्यक्ष अरविंद सिंह के आदेश पर बेनाझाबर स्थित कारोबारी मोहम्मद इश्तियाक की अवैध बिल्डिंग पर बुलडोजर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की है। बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ केडीए, प्रशासन के अधिकारी व आरएएफ के जवान मौजूद रहे।
केडीए ओएसडी अवनीश सिंह ने बताया कि आवासीय में इश्तियाक का नक्शा दर्ज है। लेकिन पूरी बिल्डिंग को कॉमर्शियल बना दिया। 130 वर्ग मीटर जमीन के अलावा रोड पर करीब 10 वर्ग मीटर अवैध निर्माण किया गया था। सेटबैक भी नहीं छोड़ा था। इसलिए केडीए वीसी अरविंद सिंह के निर्देश पर अवैध हिस्सा गिराने की कार्रवाई गई है।
केडीए अधिकारियों के मुताबिक, 2021 में बिल्डिंग को सील किया गया था। ध्वस्तीकरण के आदेश भी दिए गए थे, इसके बाद भी निर्माण जारी रखा गया है। बिल्डिंग के आधे हिस्से को गिरा दिया गया है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा, विगत दिनों प्रदेश के विभिन्न शहरों में माहौल बिगाड़ने के लिए हुए अराजक प्रयासों में शामिल समाजविरोधी तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी। ऐसे असामाजिक लोगों के लिए सभ्य समाज मे कोई स्थान नहीं है। यह ध्यान रखें कि किसी भी निर्दोष का उत्पीड़न न हो, लेकिन दोषी एक भी न बचे।संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए।
उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी अनुसार, सहारनपुर, मुरादाबाद, रामपुर और लखनऊ जिलों से नमाज के बाद नारेबाजी की सूचना मिली थी। उन्होंने कहा कि सहारनपुर, मुरादाबाद और रामपुर में जुमे की नमाज के बाद लोगों ने सड़कों पर नारेबाजी की थी।
पुलिस के अनुसार, लखनऊ के चौक इलाके में स्थित टीले वाली वाली मस्जिद के अंदर भी कुछ देर के लिए नारेबाजी हुई थी। सहारनपुर से मिली सूचना के अनुसार, नमाज के बाद कुछ लोगों ने हाथों मे तख्तियां लेकर नारेबाजी की थी। इससे पहले तीन जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी।